Amritvani - Sant Kabir, Mira

Santo sahaj samadhi bhali

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Sinopsis

‘‘संतो ! सहज समाधि भली’’- परमतत्त्व परमात्मा सदैव एकरस, सहज है। उसके साथ समत्व प्राप्त होने पर योगी का भजन कैसा होता है ? उसकी रहनी कैसी होती है ? उसकी श्वास सदा भजनमय ही रहती है। #Kabir #Mira #Sadhguru #Samadhi