Amritvani - Sant Kabir, Mira

Pyas bujhaye bin pani

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Sinopsis

‘‘प्यास बुझाबै बिन पानी’’ – शरीर की प्यास तो जल से बुझ जाती है किन्तु आत्मा की प्यास जब तक विषय रूपी वारि है नहीं मिटेगी या ब्रह्म पियूष अप्राप्त है तब भी नहीं मिटेगी | कोई सद्गुरु ही इस प्यास को मिटा सकने में सक्षम है | #Kabir #Mira #Sadhguru