Masala Chai

  • Autor: Vários
  • Narrador: Vários
  • Editor: Podcast
  • Duración: 2:14:20
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Sinopsis

Masala Chai

Episodios

  • एक गोभक्त से भेंट

    05/03/2018 Duración: 16min

    सुनिए परसाई के रचना संग्रह निठल्ले की डायरी का एक अंश

  • बस एक बार मुझको सरकार बनाने दो

    19/02/2018 Duración: 09min

    प्रधानसेवक के झकाझक भाषणों से देश की सारी समस्याएं हल हो जाने वाली हैं और कुछ करने की ज़रुरत ही नहीं है लोग मस्त रहें पकोड़े छानें

  • लौटती बारात बहुत ख़तरनाक होती है भैया

    19/02/2018 Duración: 14min

    सुनिए परसाई का व्यंग्य

  • हम तो प्यार करते रहेंगे, तुम्हारी ऐसी की तैसी

    19/02/2018 Duración: 09min

    आप चाहें तो प्रेम कर लीजिये, आप चाहें तो लव कर लीजिये प्रेम न भाषा देखता है न देशी-विदेशी देखता है, प्रेम सरहदें नहीं देखता, प्रेम धर्म नहीं देखता, प्रेम में सियासत घुसेड़ने वालों हम तप प्रेम करते रहेंगे तुम्हारी ऐसी की तैसी.

  • इसका बजट से कोई लेना देना नहीं है

    12/02/2018 Duración: 14min

    इब्ने इंशा की किताब 'उर्दू की आख़िरी किताब' के कुछ अंश

  • जानवाधिकार आयोग

    24/01/2018 Duración: 13min

     हरियाणा के सुप्रसिद्ध हास्य रचनाकार अरुण जैमिनी की मारक रचना सुनिये

  • अजीब आदमी था वो मोहब्बतों की बात करता था

    12/01/2018 Duración: 09min

    कई बार कुछ बातों का मतलब सिर्फ़ उतना ही नहीं होता जितना कि फ़ौरी तौर पर दिख रहा होता है कई बार कुछ बातों के मानी बहुत विशाल होते हैं यही खासियत है जावेद साहब की कलम में.

  • ये चाल सियासत की है...

    08/01/2018 Duración: 08min

    सियासत के खेल से पर्दा उठती जावेद साहब की ये रचना सुनिए.

  • सारी हवाएं चलने से पहले बताएं...

    08/01/2018 Duración: 13min

    सुनिए जावेद अख्तर साहब की बेहतरीन रचनाएं

  • माँ मैं जोगी के साथ जाउंगी

    06/01/2018 Duración: 06min

    तुमने बहुत सहा है / तुमने जाना है किस तरह स्त्री का कलेजा पत्थर हो जाता है / किस तरह स्त्री पत्थर हो जाती है / महल अटारी में सजाने लायक / मैं एक हाड़ मांस की स्त्री नहीं हो पाउंगी पत्थर / न ही माल असबाब / तुम डोली सजा देना / उसमें काठ की एक पुतली रख देना / उसे चूनर भी ओढ़ा देना / और उनसे कहना लो ये रही तुम्हारी दुल्हन / मैं तो जोगी के साथ जाउंगी माँ

  • सिर्फ़ अच्छा अच्छा याद रखने से काम नहीं चलेगा

    02/01/2018 Duración: 10min

    साल 2017 ख़त्म हो रहा है लोग आंकलन करेंगे कि क्या पाया क्या खोया लेकिन इस आंकलन में हम अक्सर अच्छा अच्छा याद करते रह जाते हैं जो बुरा और ग़लत हुआ उससे सबक लेना भूल जाते हैं.

  • और कैलेण्डर बदल दिए जाएंगे

    02/01/2018 Duración: 08min

    जाते साल को विदा है और आते साल का स्वागत है